کراچی (مانیٹرنگ ڈیسک/ناسک نیوز)بھارت نے پاکستانی شہریوں کے لیے ویزا کا حصول مزید مشکل ترین بنادیا ۔ان دشواریوں کو بڑھانے کا مقدیہ معلوم ہوتاہے کہ بھارتی حکومت یہ چاہتی ہے دونوں ممالک میں بسنے والے خاندان ایک دوسرے کو بھول جائیں اور شاید بھارتی حکومت اس مقصد میں کامیاب بھی ہوجائے ۔ اگر یہ سلسلہ یوں ہی چلتا رہا تو آئندہ ایک یا دو دہائی میں یہ خاندان ایک دوسرے کے لیے اجنبی ہوجائیں گے۔اس سے پہلے بھارتی حکومت اپنے ملک میں ویزا کے خواہش مندوں کے ضامنوں سے کڑی ضمانت لیتی رہی ہے ۔ بھارتی حکومت غیر متعلقہ فنکاروں اداکاروں کو ویز ادے دیتی ہے جن کا بھارت میں کوئی عزیز بھی قیام پذیر نہیں ہوتا۔ یہاں ہم یہ بتاتے چلے افغان پٹھان قوم کے افراد بھارت میں قیام پذیر تھے چونکہ ان کو کسی زمانے میں آمد و رفت میں دشواریوں کا سامنا رہاہے۔آج انہیں قوم کے افراد پاکستان بننے اور ہجرت کے کرنے کے بعد اپنی ہی قوم کے لیے اجنبی بن گئے۔آج وہ انہیں اردو اسپیکر کے نام سے پکارتے ہیں حالانکہ بھارت سے ہجرت کرنے والوں میں ایک بڑی تعداد افغان اور پٹھان قوم سے تعلق رکھتی تھی ۔اب نئی نسل کی رشتہ داروں کو اجنبی بنانے کیلئے بھارتی حکومت عجیب عجیب ہتھکنڈے استعمال کررہی ہے ۔ان میں نئے طریقہ کارکے تحت اب کسی بھی پاکستانی شہری کو بھارت کا ویزا حاصل کرنے کے لیے ڈی آئی جی سطح کے افسر سے پولیس کلیئرنس سرٹیفکیٹ حاصل کرنا لازمی ہوگا۔ جمعرات کو ذرائع کے مطابق نئی ویزا شرط میں سب سے دلچسپ بات یہ ہے کہ اسکول میں زیر تعلیم بچے کو بھی پولیس سرٹیفکیٹ پیش کرنا ہوگا بصورت دیگر درخواست نامکمل تصور کرتے ہوئے مسترد کردی جاتی ہے نئی صورتحال میں ویزا کے خواہشمند شخص کو تقریباً 15 روز سرٹیفکیٹ کے حصول کے لیے
صرف کرنا ہوں گے۔
कराची (निगरानी डेस्क / नासिक समाचार) भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा का अधिग्रहण ज्यादा मुश्किल सबसे बना दिया. इन समस्याओं को बढ़ाने मकदया मालूम होता है कि भारत सरकार यह चाहती है दोनों देशों में रहने वाले परिवार एक दूसरे को भूल जाएं और शायद भारतीय सरकार इस उद्देश्य में सफल भी हो. अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो अगले एक या दो दशक में यह परिवार एक दूसरे के लिए अजनबी हो जाएंगे. इससे पहले भारत सरकार अपने देश में वीजा के इच्छा मनदों के ज़ामनों से कड़ी गारंटी लेती रही है. भारत सरकार स्पैम कलाकारों कलाकारों को ोीज़ उदय देती है जिनका भारत में कोई अज़ीज़ भी स्थापना विकासशील नहीं होता. यहाँ हम यह बताते चले अफगान पठान राष्ट्र के लोग भारत में रहने विकासशील थे क्योंकि उन्हें किसी जमाने में आवागमन में समस्याओं का सामना रहा है. आज उन्हें देश के लोग पाकिस्तान बनने और हिजरत के करने के बाद अपनी ही जनता के लिए अजनबी बन गए. आज वह उन्हें उर्दू अध्यक्ष के नाम से पुकारते हैं हालांकि भारत से प्रवास करने वालों में बड़ी संख्या अफगान और पठान राष्ट्र से संबंध रखती थी. अब नई पीढ़ी के रिश्तेदारों को अजनबी के लिए भारत सरकार अजीब अजीब हथकंडे इस्तेमाल कर रही है. उनमें नए तरीके कार्यकर्ताओं तहत अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत का वीजा हासिल करने के लिए डीआईजी स्तर के अधिकारी से पुलिस कलेयरनस प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा. गुरुवार को सूत्रों के अनुसार नई वीजा शर्त में सबसे दिलचस्प बात यह है कि स्कूल में भर्ती शिक्षा बच्चे को भी पुलिस प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा आवेदन अपूर्ण मानते हुए खारिज कर दी जाती है नई स्थिति में वीजा के इच्छुक व्यक्ति को लगभग 15 दिन प्रमाणपत्र पाने के लिए केवल होंगे.
उर्दू से हिंदी में अनुवाद गूगल द्वारा किया गया (गलती पर क्षमा)

صرف کرنا ہوں گے۔
कराची (निगरानी डेस्क / नासिक समाचार) भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा का अधिग्रहण ज्यादा मुश्किल सबसे बना दिया. इन समस्याओं को बढ़ाने मकदया मालूम होता है कि भारत सरकार यह चाहती है दोनों देशों में रहने वाले परिवार एक दूसरे को भूल जाएं और शायद भारतीय सरकार इस उद्देश्य में सफल भी हो. अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो अगले एक या दो दशक में यह परिवार एक दूसरे के लिए अजनबी हो जाएंगे. इससे पहले भारत सरकार अपने देश में वीजा के इच्छा मनदों के ज़ामनों से कड़ी गारंटी लेती रही है. भारत सरकार स्पैम कलाकारों कलाकारों को ोीज़ उदय देती है जिनका भारत में कोई अज़ीज़ भी स्थापना विकासशील नहीं होता. यहाँ हम यह बताते चले अफगान पठान राष्ट्र के लोग भारत में रहने विकासशील थे क्योंकि उन्हें किसी जमाने में आवागमन में समस्याओं का सामना रहा है. आज उन्हें देश के लोग पाकिस्तान बनने और हिजरत के करने के बाद अपनी ही जनता के लिए अजनबी बन गए. आज वह उन्हें उर्दू अध्यक्ष के नाम से पुकारते हैं हालांकि भारत से प्रवास करने वालों में बड़ी संख्या अफगान और पठान राष्ट्र से संबंध रखती थी. अब नई पीढ़ी के रिश्तेदारों को अजनबी के लिए भारत सरकार अजीब अजीब हथकंडे इस्तेमाल कर रही है. उनमें नए तरीके कार्यकर्ताओं तहत अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत का वीजा हासिल करने के लिए डीआईजी स्तर के अधिकारी से पुलिस कलेयरनस प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा. गुरुवार को सूत्रों के अनुसार नई वीजा शर्त में सबसे दिलचस्प बात यह है कि स्कूल में भर्ती शिक्षा बच्चे को भी पुलिस प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा आवेदन अपूर्ण मानते हुए खारिज कर दी जाती है नई स्थिति में वीजा के इच्छुक व्यक्ति को लगभग 15 दिन प्रमाणपत्र पाने के लिए केवल होंगे.
उर्दू से हिंदी में अनुवाद गूगल द्वारा किया गया (गलती पर क्षमा)
shameful act of Indian government what we can do in this situation
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